सुभाषितम् :- अष्टावक्र गीता - पंचदश अध्याय :- विश्वं स्फुरति यत्रेदं तरंगा इव सागरे। तत्त्वमेव न सन्देह श्चिन्मूर्ते विज्वरो भव॥१५- ७॥ अर्थात :- इस विश्व की उत्पत्ति तुमसे उसी प्रकार होती है जैसे कि समुद्र से लहरों की, इसमें संदेह नहीं है। तुम चैतन्य स्वरुप हो, अतः चिंता रहित हो जाओ॥७॥ आरोग्यं :- डाइबिटीज और कोलेस्ट्रोल को भगाए घर का धनिया हमारे यहां भोजन को रूचिकर बनाने के लिए उसमें कई तरह के मासाले मिलाए जाते हैं। उन्हीं में से एक है धनिया। क्या आपको पता है कि हरी धनिया में प्रोटीन, वसा, फाइबर कार्बोहाइड्रेट, खनिज पदार्थ, जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थियामीन, पोटोशियम और विटामिन सी जैसे तत्व पाये जाते हैं। ये खाने को तो स्वादिष्ट बनाती है और पाचन शक्ति को दुरूस्त कर देती है। धनिया को दही में मिलाकर पीने से बदहजमी,पेचिश और कोलाइटिस में आराम मिलता है। धनिया, टाइफाइइड में भी उपयोगी है। यही नहीं धनिया कोलेस्ट्राल को भी संयमित करता है। आंखों के लिए धनिया आंखों के लिए धनिया बड़ा गुणकारी होता है। थोड़ा सा धनिया कूट कर पानी में उ...