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Showing posts from March, 2020

कोरोना वायरस की भविष्यवाणी

वर्तमान में पूरे विश्व को भयभीत करने वाली करोना महामारी की भविष्यवाणी आज से लगभग 10 हजार वर्ष पूर्व नारद संहिता में कर दी गई थी यह भी उसी समय बता दिया गया था के यह महामारी किस दिशा से फैलेगी  भूपाव हो महारोगो मध्य स्यार्धवृष्ट य।  दुखिनो जंत्व सर्वे वत्स रे परी धाविनी।।  अर्थात परी धावी नामक संवत्सर में राजाओं में परस्पर युद्ध होगा और महामारी फैलेगी बारिश असामान्य होगी व सभी प्राणी दुखी होंगे। इस महामारी का प्रारम्भ 2019 के अंत में पड़ने वाले सूर्यग्रहण से होगा  बृहत संहिता में वर्णन आया  शनिश्चर भूमिप्तो स्कृद रोगे प्रीपिडिते जनाः  अर्थात जिस वर्ष के राजा शनि होते है उस वर्ष में महामारी फैलती है ।  विशिष्ट संहिता में वर्णन प्राप्त हुआ के जिस दिन इस रोग का प्रारम्भ होगा उस दिन पूर्वा भाद्र नक्षत्र होगा यह सत्य है के 26 दिसंबर 2019 को पूर्वाभाद्र नक्षत्र था उसी दिन से महामारी का प्रारंभ हो गया था क्योंकि चीन से इसी समय यह महामारी जिसका की पूर्व दिशा से फैलने का संकेत नारद संहिता में दे रखा था शुरू हुई थी।              ...

द्वादश ज्योतिर्लिंग वर्णन - मनुज देव भारद्वाज

द्वादश ज्योतिर्लिंग वर्णन 1. श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात प्रांत के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे सोमनाथ नामक विश्वप्रसिद्ध मंदिर में यह ज्योतिर्लिंग स्थापित है। पहले यह क्षेत्र प्रभासक्षेत्र के नाम से जाना जाता था। यहीं भगवान्‌ श्रीकृष्ण ने जरा नामक व्याध के बाण को निमित्त बनाकर अपनी लीला का संवरण किया था। यहां के ज्योतिर्लिंग की कथा का पुराणों में इस प्रकार से वर्णन है- दक्ष प्रजापति की सत्ताइस कन्याएं थीं। उन सभी का विवाह चंद्रदेव के साथ हुआ था। किंतु चंद्रमा का समस्त अनुराग व प्रेम उनमें से केवल रोहिणी के प्रति ही रहता था। उनके इस कृत्य से दक्ष प्रजापति की अन्य कन्याएं बहुत अप्रसन्न रहती थीं। उन्होंने अपनी यह व्यथा-कथा अपने पिता को सुनाई। दक्ष प्रजापति ने इसके लिए चंद्रदेव को अनेक प्रकार से समझाया।  किंतु रोहिणी के वशीभूत उनके हृदय पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अंततः दक्ष ने कुद्ध होकर उन्हें 'क्षयग्रस्त' हो जाने का शाप दे दिया। इस शाप के कारण चंद्रदेव तत्काल क्षयग्रस्त हो गए। उनके क्षयग्रस्त होते ही पृथ्वी पर सुधा-शीतलता वर्षण का उनका सारा कार्...