कोरोना वायरस की भविष्यवाणी
वर्तमान में पूरे विश्व को भयभीत करने वाली करोना महामारी की भविष्यवाणी आज से लगभग 10 हजार वर्ष पूर्व नारद संहिता में कर दी गई थी यह भी उसी समय बता दिया गया था के यह महामारी किस दिशा से फैलेगी
भूपाव हो महारोगो मध्य स्यार्धवृष्ट य।
दुखिनो जंत्व सर्वे वत्स रे परी धाविनी।।
अर्थात परी धावी नामक संवत्सर में राजाओं में परस्पर युद्ध होगा और महामारी फैलेगी बारिश असामान्य होगी व सभी प्राणी दुखी होंगे। इस महामारी का प्रारम्भ 2019 के अंत में पड़ने वाले सूर्यग्रहण से होगा
बृहत संहिता में वर्णन आया
शनिश्चर भूमिप्तो स्कृद रोगे प्रीपिडिते जनाः
अर्थात जिस वर्ष के राजा शनि होते है उस वर्ष में महामारी फैलती है ।
विशिष्ट संहिता में वर्णन प्राप्त हुआ के जिस दिन इस रोग का प्रारम्भ होगा उस दिन पूर्वा भाद्र नक्षत्र होगा यह सत्य है के 26 दिसंबर 2019 को पूर्वाभाद्र नक्षत्र था उसी दिन से महामारी का प्रारंभ हो गया था क्योंकि चीन से इसी समय यह महामारी जिसका की पूर्व दिशा से फैलने का संकेत नारद संहिता में दे रखा था शुरू हुई थी।
महामारी का अंत
विशिष्ट संहिता के अनुसार इस महामारी का प्रभाव 9 से 12 महीने तक रहेगा परंतु नव संवत्सर के प्रारम्भ से इसका प्रभाव कम होना शुरू हो जाएगा
हमारे धर्मशास्त्रों में सृष्टि के प्रारम्भ से लेकर अंत तक की प्रत्येक भविष्यवाणी की गई है परन्तु हम भारतीय आज भी पाश्चात्य संस्कृति का अनुकरण कर रहे है आओ पुनः लोटे अपनी संस्कृति की ओर 🙏