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Showing posts from September, 2020

जब साइंस नाम भी नहीं था तब भारत में नवग्रहों की पूजा होती थी

1 - जब साइंस नाम भी नहीं था तब भारत में नवग्रहों की पूजा होती थी..... 2. जब पश्चिम के लोग कपडे पहनना नहीं जानते थे। तब भारत रेशम के कपडों का व्यापार करता था...... 3. जब कहीं भ्रमण करने का कोई साधन स्कूटर मोटर साईकल, जहाज वगैरह नहीं थे। तब भारत के पास बडे बडे वायु विमान हुआ करते थे। (इसका उदाहरण आज भी अफगानिस्तान में निकला महाभारत कालीन विमान है। जिसके पास जाते ही वहाँ के सैनिक गायब हो जाते हैं। जिसे देखकर आज का विज्ञान भी हैरान है)..... 4. जब डाक्टर्स नहीं थे। तब सहज में स्वस्थ होने की बहुत सी औषधियों का ज्ञाता था, सौर ऊर्जा की शक्ति का ज्ञाता था भारत देश। चरक और धनवंतरी जैसे महान आयुर्वेद के आचार्य थे भारत देश में...... 5. जब लोगों के पास हथियार के नाम पर लकडी के टुकडे हुआ करते थे। उस समय भारत देश ने आग्नेयास्त्र, प्राक्षेपास्त्र, वायव्यअस्त्र बडे बडे परमाणु हथियारों का ज्ञाता था भारत...... 6. हमारे इतिहास पर रिसर्च करके ही अल्बर्ट आईंसटाईन ने अणु परमाणु पर खोज की है..... 7. आज हमारे इतिहास पर रिसर्च करके नासा अंतरिक्ष में ग्रहों की खोज कर रहा है...... 8. आज हमारे इतिहास पर रिस...

सनातन परम्परा के 16 संस्कार

सनातन परम्परा के 16 संस्कार सनातन अथवा हिन्दू धर्म की संस्कृति संस्कारों पर ही आधारित है। हमारे ऋषि-मुनियों ने मानव जीवन को पवित्र एवं मर्यादित बनाने के लिये संस्कारों का अविष्कार किया। धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक दृष्टि से भी इन संस्कारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। भारतीय संस्कृति की महानता में इन संस्कारों का महती योगदान है। प्राचीन काल में हमारा प्रत्येक कार्य संस्कार से आरम्भ होता था। उस समय संस्कारों की संख्या भी लगभग चालीस थी। जैसे-जैसे समय बदलता गया तथा व्यस्तता बढती गई तो कुछ संस्कार स्वत: विलुप्त हो गये। इस प्रकार समयानुसार संशोधित होकर संस्कारों की संख्या निर्धारित होती गई। गौतम स्मृति में चालीस प्रकार के संस्कारों का उल्लेख है। महर्षि अंगिरा ने इनका अंतर्भाव पच्चीस संस्कारों में किया। व्यास स्मृति में सोलह संस्कारों का वर्णन हुआ है। हमारे धर्मशास्त्रों में भी मुख्य रूप से सोलह संस्कारों की व्याख्या की गई है। ये निम्नानुसार हैं... 1.गर्भाधान संस्कार 2. पुंसवन संस्कार 3.सीमन्तोन्नयन संस्कार 4.जातकर्म संस्कार 5.नामकरण संस्कार 6.निष्क्रमण संस्कार 7.अन्नप्राशन संस्क...