जब साइंस नाम भी नहीं था तब भारत में नवग्रहों की पूजा होती थी

1 - जब साइंस नाम भी नहीं था तब भारत में नवग्रहों की पूजा होती थी.....
2. जब पश्चिम के लोग कपडे पहनना नहीं जानते थे। तब भारत रेशम के कपडों का व्यापार करता था......
3. जब कहीं भ्रमण करने का कोई साधन स्कूटर मोटर साईकल, जहाज वगैरह नहीं थे। तब भारत के पास बडे बडे वायु विमान हुआ करते थे। (इसका उदाहरण आज भी अफगानिस्तान में निकला महाभारत कालीन विमान है। जिसके पास जाते ही वहाँ के सैनिक गायब हो जाते हैं। जिसे देखकर आज का विज्ञान भी हैरान है).....
4. जब डाक्टर्स नहीं थे। तब सहज में स्वस्थ होने की बहुत सी औषधियों का ज्ञाता था, सौर ऊर्जा की शक्ति का ज्ञाता था भारत देश। चरक और धनवंतरी जैसे महान आयुर्वेद के आचार्य थे भारत देश में......
5. जब लोगों के पास हथियार के नाम पर लकडी के टुकडे हुआ करते थे। उस समय भारत देश ने आग्नेयास्त्र, प्राक्षेपास्त्र, वायव्यअस्त्र बडे बडे परमाणु हथियारों का ज्ञाता था भारत......
6. हमारे इतिहास पर रिसर्च करके ही अल्बर्ट आईंसटाईन ने अणु परमाणु पर खोज की है.....
7. आज हमारे इतिहास पर रिसर्च करके नासा अंतरिक्ष में ग्रहों की खोज कर रहा है......
8. आज हमारे इतिहास पर रिसर्च करके रशिया और अमेरीका बडे बडे हथियार बना रहा है.. ...
9. आज हमारे इतिहास पर रिसर्च करके रूस, ब्रिटेन, अमेरीका, थाईलैंड, इंडोनेशिया बडे बडे देश बचपन से ही बच्चों को संस्कृत सिखा रहे हैं स्कूलों मे.....
10.आज हमारे इतिहास पर रिसर्च करके वहाँ के डाक्टर्स बिना इंजेक्शन, बिना अंग्रेजी दवाईयों के केवल ओमकार का जप करने से लोगों के हार्टअटैक, बीपी, पेट, सिर, गले छाती की बडी बडी बिमारियाँ ठीक कर रहे हैं। ओमकार थैरपी का नाम देकर इस नाम से बडे बडे हॉस्पिटल खोल रहे हैं....
और हम किस दुनिया में जी रहे हैं?? अपने इतिहास पर गौरव करने की बजाय हम अपने इतिहास को भूलते जा रहे हैं। हम अपनी महिमा को भूलते जा रहे हैं, हम अपने संस्कारों को भूलते जा रहे हैं...

साथियों भारतमाता को भारतीयता के आधार पर ही पुनः विश्वगुरू के स्थान पर स्थापित किया जा सकता हैं। इसके लिए हमें स्वदेशी का स्वयं अनुपालन करते हुए औरों को भी स्वदेशी के लिए प्रेरित करना पड़ेगा ।
भारत और भारतीयों को आर्थिक तौर पर बर्बाद करने के लिए विदेशी हूकुमत ने जितने भी कर लगाये थे दुर्भाग्यवश वह आजतक लागू हैं । जिस तरह अंग्रेजों को भगाया गया ठीक उसी तरह अंग्रेजी का सफाया किए बगैर इस देश का एवं संपूर्ण देशवासियों का विकास लगभग असंभव हैं । कृपया उपरोक्त विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगे बढे । ईश्वर के कृपा का सदैव अनुभव करते हुये देशसेवा में लगे रहे । यही मेरी आप सभी से आशा भी हैं और अपेक्षा भी ।🙏🏻

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