गणेश चित्र का सन्देश

एक आर्य की कलम से

गणेश चित्र का सन्देश

गण+ईश या गण+पति का शाब्दिक अर्थ लोगों का राजा समझा जा सकता है।

_चित्रकार शायद एक आदर्श  राजा का चरित्र चित्रण कैसा हो, एक चित्र द्वारा बताने का प्रयास कर रहा होगा_

पर नादान लोगो इस चित्र से कुछ शिक्षा लेने के बजाए न जाने क्या क्या कर रहे है!!

भारतीय गणराज्य का गणपति तो प्रधानमंत्री को ही समझा जा सकता है।

आइए जाने एक आदर्श राजा(प्रधानमंत्री) कैसा हो

1. बङा सिर:- विद्वान, चिंतक और बुद्धिमान होना चाहिए।

2. बड़े कान:- दुश्मनो की योजना को सुनकर पता करके देश की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

3. बङी नाक:- दुश्मन की योजना को यथाशिघ्र 'सुंघ' लेने के लिए।

4. बङा पेट:- राजा को बाते योजनाएँ पचाने की आदत होनी चाहिए।
हर बात बोलने से बचना होता है।

5. भारी भरकम पैर:- मजबूत, कर्मठ, तपस्वी।

6. दाँत दिखाने के ओर खाने के ओर:- राजा को देश हित मे कूटनीतिक भाषा बोलनी आना चाहिए।

7. चुहे की सवारी :-
चुहा रात को हर किसी की रसोई मे जाता है।
राजा को देखना चाहिए प्रजा मे किसी का घर ऐसा तो नहीं जहाँ खाना न बन हो।कोई भूखे पेट तो नहीं सोया।

प्रजा मे से ही कोई भविष्य का राजा है।इसलिए हमे यह गुण अपने अन्दर लाने का प्रयास करना चाहिए।

आओ मिलकर चले वेदों की ओर

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