नाग से शेषनाग

एक नाग मस्जिद में एक बिल में रहता था।
प्रतिदिन 5 बार नमाज सुनता,
प्रतिदिन मुसलमानो की तक़रीर भी ध्यान लगाकर सुनता रहता था।
एक दिन उसका मन हुआ
नमाज की इतनी महिमा है तो एक दिन नमाज पढ़ ही लेता हूँ,
शायद मुझे भी जन्नत मिल जाय।
बस क्या था,
बेचारा एक दिन ठीक नमाज के समय बाहर निकल के नमाजियों की लाईन में लगने चल पड़ा।
नमाजियों ने नाग देखा तो लाठी डंडा लेकर दौड़ा लिया,
अब नाग आगे आगे भागे,
नमाजी पीछे पीछे डंडा लेकर।

भागते भागते नाग को एक पुराना सा मंदिर दिख गया।
बेचारा वहीं घुस कर शिवलिंग से लिपट गया,
मुल्लों से जान बच गयी।
हिन्दुओं ने जब शिवलिंग पर नाग लिपटा देखा शोर मच गया,
भीड़ जमा हो गयी,
आरती पूजा शुरू हो गयी,
लोग दूध पिलाने लगे।
नाग सोच रहा था,
यार
मैं भी कहाँ फंसा पड़ा था,
मैं तो नमाज पढ़ना चाहता था,
उन्होंने लट्ठ लेकर दौड़ा लिया,
पत्थर मारने लगे।
यहाँ तो भोलेनाथ की शरण में दो घड़ी क्या आया,
स्वयं ही नाग से शेषनाग हो गया।

जय हो हिन्दू धर्म की

#हर_हर_महादेव

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