क्या होती है औरा शक्ति

क्या होती है औरा शक्ति

कभी आपने देखा हैं कि किसी व्यक्ति विशेष से आपको मिलने की बार बार इच्छा होती है । किसी व्यक्ति का तेज इतना होता हैं कि उसे बार बार देखने का मन करता है । किसी की फ़ोटो को देखने का मन होता हैं । किसी व्यक्ति विशेष से बार बार बात करने का मन होता हैं ।

    इसे हम सरल भाषा मैं समझे तो उस विशेष व्यक्ति का आभामंडल प्रभावशाली होना होता हैं।
जिसे हम औरा भी कहते हैं। जिस किसी व्यक्ति का औरा जितना फैला होगा वो उतना ही प्रसिद्ध और आकर्षण का केंद्र होगा। एक चुम्बकीय शक्ति से भरपूर होगा जो कम समय मैं अपने आसपास भीड़ जुटा लेगा ।

शरीर में जो चमक, स्फूर्ति ताजगी, उमंग, साहस, उत्साह, निष्ठा, तत्परता जैसी विशेषताएँ है। मनस्वी, ओजस्वी, तेजस्वी, तपस्वी, आदि शब्द इसी क्षमता का बाहुल्य व्यक्त करते हैं। ऐतिहासिक महामानवों में यही विशेषता प्रधान रूप से रही है। इसे हम औरा कहते है ।

यदि हम इसे सही
अभिव्यक्त करे तो हरेक मनुष्य के मस्तिष्क के बराबर पीछे की ओर सप्तरंगीय ऊर्जा तरंगे निष्कासित होती रहती है व एक गोलीय चक्र सा प्रतिबिंब रहता है वही उनका आभामण्डल या औरा चक्र होता है। यह आभामण्डल जीव मात्र- मनुष्य, जीव-जंतु, पशुओं, पेड़-पौधे, पदार्थों के इर्द-गिर्द एक प्रकाश पुंज रहता है। प्रत्येक मनुष्य का अपना एक आभामण्डल या औरा होता है। जिसके कारण से ही दूसरे अन्य मनुष्य उससे प्रभावित होते हैं।

आप किसी के यंहा किसी कार्यक्रम मे जाते है तो यदि आप के आसपास भीड़ लग जाती या मित्रों का साथ रहता है तो आपकी औरा प्रभावशाली है, वंही दूसरी और आपसे सभी कन्नी काटने या दूर भागने का प्रयास करते तो आपकी औरा खराब है ।

    यंहा एक खास बात बता रहा हूं , की औरा का प्रभाव धन दौलत या अच्छे कपड़े पहनने से नही होता,क्योकि ये प्रभाव एक सीमित समय तक रहता है। व्यक्ति का आभामंडल ही उसकी असल औरा रहती हैं ।

आभामण्डल का आकार तथा उसका रंग एक मनुष्य के बारे में कई चीजों की जानकारी देता है। क्या आप जानते हैं कि इस आभामण्डल की मदद से एक इंसान के चरित्र, उसके विचारों तथा उसकी सोच का पता चलता है। यह आभामण्डल बताता है कि आपके सामने खड़ा इंसान किस प्रकार की सोच में गुम है।

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