श्री गणेश की मूर्तियों का सारगर्भित वर्णन

श्री गणेश की मूर्ति के विषय में सारगर्भित वर्णन -

1. श्री गणेश की मूर्ति 1फुट से अधिक बड़ी (ऊंची) नहीं होना चाहिए.
2. एक व्यक्ति के द्वारा सहजता से उठाकर लाई जा सके ऐसी मूर्ति हो.
3. सिंहासन पर बैठी हुई, लोड पर टिकी हुई प्रतिमा सर्वोत्तम है
4. सांप,गरुड,मछली आदि पर आरूढ अथवा युद्ध करती हुई या चित्रविचित्र आकार प्रकार की प्रतिमा बिलकुल ना रखें.
5. शिवपार्वती की गोद में बैठे हुए गणेश जी कदापि ना लें. क्येंकि शिवपार्वती की पूजा लिंगस्वरूप में ही किये जाने का विधान है. शास्त्रों में शिवपार्वती की मूर्ति बनाना और उसे विसर्जित करना निषिद्ध है.
6. श्रीगणेश की मूर्ति की आंखों पर पट्टी बांधकर घरपर ना लाएं.
7. श्रीगणेश की जबतक विधिवत प्राणप्रतिष्ठा नहीं होती तब तक देवत्व नहीं आता. अत: विधिवत् प्राणप्रतिष्ठा करें.
8. परिवार मेंअथवा रिश्तेदारी में मृत्युशोक होने पर, सूतक में पडोसी या मित्रों द्वारा पूजा, नैवेद्य आदि कार्य करायें. विसर्जित करने की शीघ्रता ना करें.
9. श्रीगणेश की प्राणप्रतिष्ठा होने के बाद  घर में वादविवाद, झगड़ा, मद्यपान, मांसाहार आदि ना करें.
10. श्रीगणेशजी को ताजी सब्जीरोटी का भी प्रसाद नैवेद्य के रूप में चलता है केवल उसमें खट्टा, तीखा, मिर्चमसाले आदि ना हों.
11. दही+शक्कर+भात यह सर्वोत्तम नैवेद्य है.
12. विसर्जन के जलूस में झांज- मंजीरा,भजन आदि गाकर प्रभु को शांति पूर्वक विदा करें. डी. जे. पर जोर जोर से अश्लील नाच, गाने, होहल्ला करके विकृत हावभाव के साथ श्रीगणेश की बिदाई ना करें.
ध्यान रहे कि इस प्रकार के अश्लील गाने अन्यधर्मावलंबियों केउत्सवों  पर नहीं बजाते.
13. यदि ऊपर वर्णित बातों पर अमल करना संभव ना हो तो श्रीगणेश की स्थापना कर उस मूर्ति का अपमान ना करें.

अंत में-जो लोग 10 दिनों तक गणेशाय की झांकी के सामने रहते हैं, अगर वो नहीं सुधर सकते, तो हम आप भीड़ में धक्के खाकर 2,4 सेकिंड का दर्शन कर सुघर जायेंगें ???
कितने अंधेरे में हैं हम लोग.!!
इस अंधेरे में क्षणिक प्रकाश ढूंढने की अपेक्षा, घर में रखी हुई गणेशमूर्ति के सामने 1 घंटे तक शांत बैठे अपना आत्मनिरीक्षण करें, अच्छा व्यवहार करें.. घरपर ही गणेश आपपर कृपा बरसायेंगे

श्री गणेशजी एक ही हैं...
उनकी अलग अलग  कंपनियां नहीं होती... अपनी सोच अलग हो सकती है
एकाग्रचित्त हों, शांति प्राप्त करें...

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