सिद्ध समी गणेश मंदिर

सिद्ध समी गणेश मंदिर

नवागढ ,पोस्ट - खार - खारी , जिला - धनबाद झारखंड ।नवागढ़ रियासत के राजा नरबर साय ने सन् 704 में श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की
थी।गणेश जी की प्रतिमा 6 फिट ऊँचे पत्थर की बनी है।मंदिर के अग्रभाग में शमी का वृक्ष है , जिसे तांत्रिक विधा से विराजित किया है।मंदिर के परिसर में अष्टकोशीय कुआं , विशालकाय पत्थरों के लेख , पुरातन विधा अौर गौरवशाली इतिहास के साक्षी हैं । गीता प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित धार्मिक पत्रिका " कल्याण " के अंक के अनुसार  मंदिर के अग्रभाग में शमी का वृक्ष है ।शमी के पेड़ को शनिदेव का अवतार माना जाता है । श्रद्धालु विघ्नहर्ता के साथ - साथ शमी वृक्ष के भी दर्शन करते हैं । शमी वृक्ष के पूजन - दर्शन से विकार तत्वों से मुक्ति मिलती है। यह भारत का एक ऐसा मंदिर है , जहाँ  श्रीगणेश अौर शमी वृक्ष के दुर्लभ दर्शन होते हैं। मंदिर के चारों अोर , सिद्ध गणेश मंदिर की दुर्लभ प्रतिमाअों की प्रतिकृतियाँ स्थापित की गई हैं। जो एक ही जगह संपूर्ण तीर्थ का दर्शन करवाती है। कहा जाता है कि इस कुंए के पास एक पूजारी के निवास का अष्ट कोणीय कूप मुदगल पुराण के अनुसार श्री गणेश जी के अष्ठ रूपों का प्रतीक है । इसी तरह इस प्राचीन गणेशजी की मूर्ति की पूजा करने के लिए अनाम , शुभ्र वस्त्रधारी किसी पूजारी को मंदिर में प्रवेश करते देखा गया है , भगवान श्री गणेश की पूजा सर्वप्रथम वह अज्ञात शुभ्र वस्त्रधारी पूजारी ही करता है ।किसी ने भी उक्त पूजारी को प्रत्यक्ष सामने से आते हुए तो देखा नहीं , हाँ  उन्हे श्री गणेश के चरणों में प्रणाम करते हुए देखा है ।यह सत्य ही नहीं परम सत्य है , र्इश्वर सत्य है , इसे सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है ।गणेश मंदिर की पूर्व दिशा में 50 मीटर की दूरी के लगभग अति प्राचीन पद चिन्ह है , वह पद चिन्ह किसी विशिष्ट देवदूत अथवा शिरोधार्य गुरू , पंडित अथवा श्री गणेशजी की पूजा करने आने वाले के पदचिन्ह  है ।

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