विसर्जन सिखाता है

विसर्जन सिखाता है :

विसर्जन ये सिखाता है कि मनुष्य को अगला जन्म पाने के लिए इस जन्म को त्यागना  पड़ेगा। गणेश जी की मूर्ति मिट्टी की बनती है, उसकी पूजा होती है लेकिन फिर उन्हें अगले साल आने के लिए इस साल विसर्जित होना पड़ता है. इस प्रकार हमारा जीवन भी यही है, और हमे  अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना होगा और समय समाप्त होने पर अगले जन्म के लिए हमें इस जन्म को छोड़ना पड़ेगा.

प्रकृति को लौटाना पड़ेगा :

गणेश जी को मूर्ति रूप में आने के लिए मिट्टी का सहारा लेना पड़ता है, मिट्टी प्रकृति की देन होती है लेकिन जब गणेश जी पानी में विलीन होते हैं तो मिट्टी फिर प्रकृति में ही मिल जाती है. इससे हमें यह समझ में आता है कि, जो प्रकृति से लिया है उसे लौटाना ही पड़ेगा, खाली हाथ आये थे और खाली हाथ ही जाना पड़ेगा.

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