ग्रीक लेखकों द्वारा वर्णित India क्या था ?

Greek लेखकों द्वारा वर्णित Alexander's invasion upon India (सिकन्दर का भारत पर आक्रमण) पुनः पुनः यह प्रश्न उपस्थित कर देता है कि ग्रीक लेखकों द्वारा वर्णित India क्या था ?
         
          Britain व England के भेद की सहायता से इस प्रश्न को सरलतया हल किया जा सकता है। कभी-कभी Britain व England शब्दों का प्रयोग समानार्थक शब्दों की भाँति किया जाता है जबकि हम यह जानते हैं कि Scotland, England व Wales इन तीन देशों का समूह Britain है। यदि इस समूह में तत्रत्य लघु द्वीपों को भी जोड़ दिया जाए तो Great Britain बन जाता है। एक मत के अनुसार Great Britain में Ireland भी सम्मिलित है। किन्तु इस समूह के प्रतिनिधि एवं प्रमुख के स्थान पर England है, फलतः Britain व England शब्दों का प्रयोग समानार्थक शब्दों की भाँति भी किया जाता है। अतः Britain के किसी भी स्थान की घटना को England की घटना के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, भले ही वह स्थान England के बाहर हो।
         Britain = Scotland + England + Wales
         Great Britain = Scotland + England + Wales + लघुद्वीप + Ireland
         
          अब, इस वस्तुस्थिति की सहायता से हम भारत व India शब्दों पर विचार कर सकते हैं। वस्तुतः "सिन्धु", "इन्दु" व "बिन्दु" नामक तीन देशों का समूह भारत कहलाता था। यदि इस समूह में निकटस्थ द्वीपों को भी जोड़ दिया जाए तो "महाभारत" बन जाता था। एक मत के अनुसार "महाभारत" में "Indochina" (East Indies सहित) भी सम्मिलित था। किन्तु इस समूह के प्रतिनिधि एवं प्रमुख के स्थान पर "इन्दु"देश (भरतखण्ड) था, फलतः "भारत" व "इन्दु"देश (भरतखण्ड) शब्दों का प्रयोग समानार्थक शब्दों की भाँति भी किया जाता था। अतः "भारत" के किसी भी स्थान की घटना को "इन्दु"देश (भरतखण्ड) की घटना के रूप में व्यक्त किया जा सकता था, भले ही वह स्थान "इन्दु"देश (भरतखण्ड) के बाहर हो।
          भारत = सिन्धु + इन्दु + बिन्दु
          महाभारत =  सिन्धु + इन्दु + बिन्दु + निकटस्थ द्वीप + Indochina
         
          वस्तुतः सिन्धु नद के दक्षिणी प्रवाह के पश्चिम में स्थित भूभाग "सिन्धु"देश कहलाता था। इसी से पारसीक शब्द "हिन्दु" तथा ग्रीक शब्द "India" बने। यहीं पर स्थित "कपिशा" को "हिन्दुश" भी कहा जाता था जिसे बुद्ध की मूर्तियों के आधिक्य के कारण अरब आक्रान्ताओं ने "कफिरिस्तान" की संज्ञा दी, फलतः फारसी भाषा में "हिन्दू" व "काफिर" शब्द पर्यायवाची की भाँति प्रयुक्त होने लगे। सिन्धु नद के दक्षिणी प्रवाह के पूर्व में स्थित भूभाग "इन्दु"देश कहलाता था जिससे 'इन्तु" व "यिन्तु" शब्द बने। इसी भूभाग को"भरतखण्ड" भी कहा जाता था। हिमालय के उत्तर में स्थित भूभाग "बिन्दु"देश कहलाता था। इसी भूभाग को"त्रिविष्टप" भी कहा जाता था जिससे "तिब्बत" व "टिबैट" (Tibet ) शब्द बने। सिकन्दर का आक्रमण "भारत" के एक भाग "सिन्धु"देश (हिन्दु = India) पर हुआ था जो सिन्धु नद के दक्षिणी प्रवाह के पश्चिम में स्थित है। भले ही यह भूभाग सिन्धु नद के दक्षिणी प्रवाह के पूर्व में स्थित "इन्दु"देश (भरतखण्ड) के बाहर है किन्तु  "भारत" व "इन्दु"देश (भरतखण्ड) शब्दों के समानार्थक प्रयोग के कारण यह समझ लिया जाता है कि सिकन्दर का आक्रमण "इन्दु"देश (भरतखण्ड) पर हुआ था। उस पर विडम्बना यह है कि कुछ मताग्रही विद्वान् यह सिद्ध करने का प्रयास करते हैं कि

          India शब्द "इन्दु"देश (भरतखण्ड) से बना है न कि "सिन्धु"देश से, अतः ग्रीक लेखकों ने भूल से "सिन्धु"देश के लिए India शब्द का प्रयोग कर दिया।

          इस आग्रह को वस्तुस्थिति के शीर्षासन के अतिरिक्त और क्या कहा जा सकता है। इन आग्रही लोगों से कोई भी यह नहीं कहता कि

          चलिए, मान लिया कि Greek भाषा में India शब्द इन्दुदेश (भरतखण्ड) का वाचक था और Greek लेखकों ने भूल से सिन्धुदेश के लिए India शब्द का प्रयोग कर दिया किन्तु यह तो बताइए कि Greek भाषा में सिन्धुदेश के लिए कोई शब्द था कि नहीं ?

          बात उतनी भी कठिन नहीं है जितनी बना दी गई है !

          महाभारत, पुराण आदि में वर्णित "चीन" (ची अथवा चिन्) शब्द के तात्पर्य-भेद की सहायता से भी इस प्रश्न को सरलतया हल किया जा सकता है। चीन शब्द के 4 तात्पर्य हैं जो क्रमशः पूर्वदिशस्थ हैं -

1. चीन अथवा प्राचीन – "म्यान्मार" देश की "अराकानयोमा" (चिन्) पर्वतशृङ्खला व सालवीन नदी के मध्य में स्थित भूभाग को पुराणों में चीन अथवा प्राचीन कहा गया है अर्थात् म्यान्मार ही पौराणिक चीन है। चीन देश का भगदत्त नामक शासक इसी भूभाग से महाभारत युद्ध में सम्मिलित होने के लिए कुरुक्षेत्र आया था। कभी-कभी चीन पश्चिम की ओर बढ़कर लोहित (ब्रह्मपुत्र) नद तक अपना विस्तार कर लेता था। सम्प्रति अराकान पर्वतशृङ्खला का केवल मध्य भाग ही "चिन्" कहलाता है।

2. सुचीन – सालवीन नदी तथा "विएतनाम" देश की होंग-हे अथवा सोंग-होंग नदी (Red river) के मध्य में स्थित भूभाग।

3. अतिचीन – Red river तथा "वर्तमान चीन" देश की यांग्त्ज़ी-क्यांग नदी के मध्य में स्थित भूभाग।

4. पराचीन – यांग्त्ज़ी-क्यांग नदी के उत्तरपूर्व में स्थित भूभाग।

          पौराणिक काल में प्रथम व द्वितीय चीन पर भारत का आधिपत्य रहा है। द्वितीय चीन को Indochina भी कहा जाता है जिसमें East Indies (Indonesia) भी सम्मिलित था। कभी-कभी East Indies को Indochina से पृथक् भी वर्णित किया जाता है। भारतवर्ष के भीतरी भाग के जन समुद्र मार्ग से इण्डोनेशिआ जाते थे। स्थल मार्ग से जाने वाले चिन् (अराकान) पर्वत को पार नहीं करते थे प्रत्युत समुद्र तट पर चलते हुए वहाँ पहुँचते थे अर्थात् चिन् (अराकान) पर्वतशृङ्खला से ही सीधे इण्डोनेशिआ पहुँच जाते थे। अति प्राचीन काल में जब रामसेतु समुद्र में नहीं डूबा था तब चिन् पर्वतशृङ्खला वर्तमान अण्डमान निकोबार द्वीप समूह से होती हुई सुमात्रा व जावा द्वीपों तक जाती थी और यह भी वहाँ पहुँचने का एक स्थल-मार्ग था।

विचारणीय है कि
पूर्व की ओर बढ़ने पर सतत चीन शब्द का ही प्रयोग क्यों किया गया ?

          उत्तर अतिसरल है !

          ये चारों नाम भारत द्वारा दिए गए थे जिन्हें इन भूभागों के निवासियों द्वारा स्वीकार कर लिया गया। "वर्तमान चीन" देश में तृतीय व चतुर्थ चीन सम्मिलित हैं, अतः वहाँ के निवासियों ने संक्षेप में केवल "चीन" शब्द को स्वयं के लिए रूढ कर लिया है किन्तु "मौलिक पौराणिक चीन" सदैव प्रथम चीन ही है।

          सम्प्रति सिन्धु नद के दक्षिणी प्रवाह के पूर्व के भूभाग को India कहा जा रहा है किन्तु Greek लेखकों का "मौलिक India" तो सिन्धु नद के दक्षिणी प्रवाह के पश्चिम का भूभाग ही है। India शब्द के व्युत्पत्तिकारक "Indus अथवा सिन्धु" नद के नाम पर ही प्रसिद्ध "सिन्धु अथवा सिन्ध" राज्य भी सिन्धु नद के दक्षिणी प्रवाह के पश्चिम में है जो जीवित प्रमाण है कि Greek लेखकों का "मौलिक India" सिन्धु नद के दक्षिणी प्रवाह के पश्चिम का भूभाग ही है। इतिहास साक्षी है कि सौवीर राज्य अथवा सिन्धु-भंग (Indus delta) पर सिन्धु नद के दक्षिणी प्रवाह के पश्चिम के शासकों के आधिपत्य के पूर्व उसे सिन्धु राज्य का एक भाग नहीं अपितु स्वतन्त्र सौवीर राज्य कहते थे। महाभारत में सिन्धुराज को "जयद्रथ" कहा गया है जिसका Greek लेखों में वर्णित Indus नद के पश्चिमवर्ती तथा अरब सागर के तटवर्ती "Gedrosia" (जेड्रोसिआ) राज्य से पूर्ण साम्य है। जो लोग ऐसा कहते हैं कि

          India शब्द "इन्दु"देश (भरतखण्ड) से बना है न कि "सिन्धु"देश से, अतः Greek लेखकों ने भूल से "सिन्धु"देश के लिए India शब्द का प्रयोग कर दिया,

          वे भूल रहे हैं कि सिन्धु नद को Greek भाषा में Indus कहा गया है !
         
          बात उतनी भी कठिन नहीं है जितनी बना दी गई है !!

✍🏻
प्रचण्ड प्रद्योत

Popular posts from this blog

पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा

भरद्वाज-भारद्वाज वंश/गोत्र परिचय __मनुज देव भारद्वाज धर्माचार्य मुम्बई

११५ ऋषियों के नाम,जो कि हमारा गोत्र भी है