शूलपाणि महादेव का त्रिशूल तीन की प्रमुखता का प्रतीक है
शूलपाणि महादेव का त्रिशूल तीन की प्रमुखता का प्रतीक है
3 न विशक्तियों का प्रतीक
ब्रह्मा द्वारा किए जाने वाले सृजन का
नारायण द्वारा किए जाने वाले पोषण का
और महादेव द्वारा किए जानेवाले विनाश का प्रतीक
जो सृष्टि की निरंतरता हेतु अनिवार्य है
जो भूत वर्तमान और भविष्य का द्योतक है
सत्व गुण, रजस गुण और तमोगुण का भी
महादेव इन तीनों को नियंत्रित कर यह बताते हैं कि वो इन तीनों गुणों से परे हैं निर्गुण है
यह तीनों गुण उनके नियंत्रण में है
यह त्रिशूल स्वर्ग, भू, पाताल भी दर्शाता है
भौतिक दैविक अध्यात्मिक भी
मानसिक वाचिक कायिक भी
इच्छा कर्म और ज्ञान भी
महादेव का त्रिशूल संहारक है मोह माया का अहंकार का और उसके बाद शेष रह जाने वाले परमानंद का
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धर्माचार्य - मनुज देव भारद्वाज, मुम्बई (09814102666)
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