यथार्थ

यथार्थ के कई पक्ष होते हैं जैसे दिन और रात, जैसे पृथ्वी के ऊपर आकाश
प्रत्येक प्रश्न का एक उत्तर है तो एक समस्या भी
आपको क्या लगता है संसार की समस्याओं का निदान केवल कैलाश तक ही सीमित है 
साधक के लिए तो संसार ही शिव मय होना चाहिए
स्वयं शिव को सीमित करना शिवत्व की उपेक्षा है


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धर्माचार्य - मनुज देव भारद्वाज, मुम्बई (09814102666)
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