माता-पिता का दायित्व

एक संतान के लिए उसके माता-पिता से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं होता संतान को ईश्वर में भी तभी विश्वास होता है जब माता-पिता ने कहा यही ईश्वर है और माता-पिता का दायित्व यह है कि उसे प्रेम ज्ञान शिक्षा वात्सल्य और धैर्य से पोषित कर उसके चेतन अवचेतन मन को सिंचित कर उसे विचारवान बनाना
निर्भीक बनाना उसे इतना सामर्थ्यवान बनाना कि वह संसार का सामना कर सके
आप क्या कर रहे हैं
सदैव अपनी संतान के समक्ष संसार की आलोचना करते हो
अपनी संतान के निर्मल मन को उचिष्ट पात्र में परिवर्तित कर  देते हो
संतान को जन्म देना ही माता पिता का कर्तव्य नहीं होता
उसके उचित पालन और पोषण के लिए देवताओं की प्रतीक्षा करना
यह कैसा अभिभावक है?

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धर्माचार्य - मनुज देव भारद्वाज, मुम्बई (09814102666)
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