ज्ञान शास्त्रार्थ

ऐसी कौन सी वस्तु है जिसके होने के पश्चात भी दुख नहीं होता?
क्रोध

ऐसी कौन सी वस्तु है जिसके खोने के पश्चात मनुष्य धनी हो जाता है?
लोभ

विद्वान कौन है?
जो शर्मा के होते हुए भी करूंगा और संवेदनशीलता के महत्व को समझ है उसे परिपूर्ण रहे

ब्राह्मण कौन है?
जिसे सब में ब्रह्म रूप दिखे और जो स्वयं क्षमा शील हो वही ब्राह्मण है

क्या संसार में धर्म से भी बड़ा कुछ है?
दया

सर्वत्र देखने वाली दृष्टि कौन सी है?
दिन में सूर्य, रात में चंद्रमा

ऐसा क्या है जो अग्नि से भी ज्वलनशील है?
क्रोध

ऐसा क्या है जिसका भार पृथ्वी से भी अधिक है
आत्मग्लानि

जल से भी अधिक तरल क्या है?
उदारता

अधिक महत्वपूर्ण कौन है राजा या ईश्वर?
ईश्वर सच्चिदानंद है, त्रिकाल बाधित है, निरंतर ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित है, आनंद के सागर है
ईश्वर ही सृष्टि के परम तत्व है
निरंजन है निर्विकार है निर्गुण और निराकार है
साथ ही सगुन और साकार भी है
वही संसार के सृजनकर्ता है, वही संहारकर्ता भी है
सर्वव्यापी सर्वअंतर्यामी और सर्व समर्थ भी है

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