तांडव नृत्य
तांडव नृत्य जगत के पांच क्रियाओं का संकलन है
सृष्टि, स्थिति, प्रह्लाद, तिरोभाव और अनुग्रह
अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश
नृत्य कार शरीर के पांच मुख है
इन्हीं 5 भूतों से ब्रह्मांड का निर्माण होता है पृथ्वी से सभी भूतों के शरीर बनते हैं और उनका पालन जल से होता है और संपूर्ण भूतों का अंत अग्नि से होता है
वायु तथा आकाश में तिरोभाव और अनुग्रह की शक्ति है इस प्रकार यह पंचमहाभूत मुख नृत्य के पांच महा क्रियाओं के प्रतीक है
संसार में जो कुछ भी चल रहा है और जो कुछ भी होगा वह नृत्य है
सूर्य का उदय होना, पवन का चलना, पत्तों का हिलना हृदय का स्पंदन सब नृत्य ही तो है
तांडव आरंभ करने से पूर्व प्रकृति के इस नृत्य को जो हमारे अंदर विद्यमान है उसे अनुभव करना पड़ता है