हिन्दू शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई

#हिन्दू शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई ?????
पढ़े एक ज्ञानवर्धक प्रस्तुति

कुछ अति बुद्धिमान (सेकुलर व मुस्लिम) लोग कहते हैं की #हिन्दू शब्द फारसियों की देन है। क्यूंकि इसका उल्लेख #वेद #पुराणों में नहीं है।

मेरे #सनातनी भाईयों, इन जैसे लोगों का मुंह बंद करने के लिये  आपके सन्मुख हजारों वर्ष पूर्व लिखे गये #सनातन #शास्त्रों में लिखित चंद श्लोक (अर्थ सहित) प्रमाणिकता सहित बता रहा हूँ ।
आप सब सेव करके रख लें, और मुझसे यह सवाल करने वाले महामूर्ख सेकुलर को मेरा जवाब भी देख लें.....

1. #ऋग्वेद के ब्रहस्पति अग्यम में #हिन्दू शब्द का उल्लेख इस प्रकार आया है...

हिमलयं समारभ्य यावत इन्दुसरोवरं।
तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते।।

अर्थात हिमालय से इंदु सरोवर तक देव निर्मित देश को हिंदुस्तान कहते हैं।

2. सिर्फ वेद ही नहीं बल्कि मेरूतंत्र (शैव ग्रन्थ) में हिन्दू शब्द का उल्लेख इस प्रकार किया गया है....
हीनं च दूष्यतेव् हिन्दुरित्युच्च ते प्रिये।
अर्थात... जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिन्दू कहते हैं।

3. और इससे मिलता जुलता लगभग यही यही श्लोक कल्पद्रुम में भी दोहराया गया है....!
"हीनं दुष्यति इति हिन्दू"
अर्थात जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिन्दू कहते है।

4. पारिजात हरण में #हिन्दू को कुछ इस प्रकार कहा गया है...
"हिनस्ति तपसा पापां दैहिकां दुष्टं। हेतिभिः श्त्रुवर्गं च स हिन्दुर्भिधियते।।"

अर्थात जो अपने तप से शत्रुओं का दुष्टों का और पाप का नाश कर देता है, वही #हिन्दू है।

5. माधव दिग्विजय में भी #हिन्दू शब्द को कुछ इस प्रकार उल्लेखित किया गया है..
"ओंकारमन्त्रमूलाढ्य पुनर्जन्म द्रढ़ाश्य:।
गौभक्तो भारतगरुर्हिन्दुर्हिंसन दूषकः।।

अर्थात.... वो जो ओमकार को ईश्वरीय धुन माने, कर्मों पर विश्वास करे, सदैव गौपालक रहे तथा बुराईयों को दूर रखे, वो #हिन्दू है।

6. केवल इतना ही नहीं हमारे #ऋगवेद ( ८:२:४१ ) में विवि हिन्दू नाम के बहुत ही पराक्रमी और दानी राजा का वर्णन मिलता है। जिन्होंने 46000 गौमाता दान में दी थी.... और ऋग्वेद मंडल में भी उनका वर्णन मिलता है।

7. ऋग वेद में एक #ऋषि का उल्लेख मिलता है जिनका नाम सैन्धव था । जो मध्यकाल में आगे चलकर "#हैन्दव/#हिन्दव" नाम से प्रचलित हुए, जिसका बाद में अपभ्रंश होकर #हिन्दू बन गया...!!

8. इसके अतिरिक्त भी कई स्थानों में #हिन्दू शब्द उल्लेखित है....।।

इसलिये गर्व से कहो, हाँ हम #हिंदू थे, #हिन्दू हैं और सदैव #सनातनी हिन्दू ही रहेंगे।।

https://linktr.ee/ShriDwarikadhishAshram

Popular posts from this blog

पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा

भरद्वाज-भारद्वाज वंश/गोत्र परिचय __मनुज देव भारद्वाज धर्माचार्य मुम्बई

११५ ऋषियों के नाम,जो कि हमारा गोत्र भी है