शिव महिमा

*☆☆☆ *शिव गाथा* ☆☆☆*

*शिव रूद्र है, भीम है, उग्र है।*
*शिव चराचर में अव्यग्र है।*

*शिव भव है, शर्व है, सर्वज्ञ है।*
*शिव मयी यत्र-तत्र-सर्वत्र है।*

*शिव कल्याण है, योग है, वैराग है।*
*शिव तम में ज्ञान रूपी प्रकाश है।*

*शिव अज है, अनादि है, अनन्त है।*
*शिव राख लपेटे अघोरी सन्त है।*

*शिव अजेय है, शम्भू है, अभय है।*
*शिव मृत्युलोक में मृत्युञ्जय है।*

*शिव सृजन है, पालक है, तारक है।*
*शिव नीलकण्ठ कभी संहारक है।*

*शिव माया है, त्रिनेत्र है, त्रिकाल है।*
*शिव शीतलता लिए चन्द्रभाल है।*

*शिव सत्य है, देवत्व है, शुभत्व है ।*
*शिव नश्वर जगत में शिवत्व है।*

*शिव जप है, तप है, आदिगुरु है।*
*शिव चर-अचर में जगद्गुरु है।*

*शिव अव्यक्त है, वृषांक है, हर है।*
*शिव प्रजापालक है,गिरीश्वर है।*

*शिव भर्ग है, अनघ है, भूतपति है।*
*शिव नन्दी पर सवार पशुपति है।*

*शिव अजर है, अमर है, अविनाशी है।*
*शिव कण कण में रमता कैलाशी है।*

*शिव अज है, शाश्वत है, दिगम्बर है।*
*शिव त्रिदेवों में पूजनीय महेश्वर है।*

*शिव जटाधारी है, शंकर है, अनीश्वर है।*
*शिव सकल सृष्टि का पूज्य परमेश्वर है।*

*शिव बाघम्बरी है, सोम है, मृगपाणी है।*
*शिव परशुहस्त है, कभी शूलपाणी है।*

*शिव पिनाकी है, भोला है, सहस्त्राक्ष है।*
*शिव तैंतीस कोटि देवों में विरूपाक्ष है।*

*शिव वामदेव है, महादेव है,कपाली है।*
*शिव तपस्वी यती है, कभी कामारी है।*

*शिव विनाश है, अभयंकर है,प्रलय है।*
*शिव भोला भंडारी है, कहीं अव्यय है।*

     *ब्राह्मण से चण्डाल तक को, शिव अभयदान देते हैं।*
  *आशुतोष दो बेलपत्र से ही, भक्त को परमधाम देते हैं।*

        *मृत्यु से पाते अभय, भक्त चन्द्रभाल के ।*
        *काल भी भयभीत है, रूद्र महाकाल से ।*

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