मनोबुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे । न च व्योमभूमिः न तेजो न वायुः चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ १॥ न तो मन हूँ ,न बुद्धि ,न अहंकार ,न चित्त , न पञ्च इन्द्रियां ( नेत्र, कान, जीभ, त्वचा, नासिका ) और न पञ्च तत्व (आकाश, भूमि, जल, वायु , अग्नि ) हूँ मै सच्चिदानंद स्वरुप कल्याणकारी शिव हूँ I am not the intellect, ego, mind . Neither am I hearing, taste, smell, sight . Nor am I space, earth, light, air, field of consciousness. I am the pure consciousness of bliss - I am Shiva . Shiva am I - - - न च प्राणसंज्ञो न वै पंचवायुः न वा सप्तधातुर्न वा पंचकोशः । न वाक् पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ २॥ न तो प्राण उर्जा हूँ , न पञ्च वायु हूँ , न सप्त धातुएं हूँ , न पञ्च कोष हूँ , न सृष्टी , न प्रलय , न गति , न वाणी और न ही श्रवण हूँ , मै सच्चिदानंद स्वरुप कल्याणकारी शिव हूँ I am not prana, nor the fi...